महाकुंभ मेला 2025 प्रयागराज
महत्वपूर्ण तिथियाँ:
महाकुंभ मेला के दौरान कई विशेष स्नान तिथियाँ होती हैं, जिनमें लाखों श्रद्धालु पवित्र संगम में स्नान करते हैं। इन तिथियों में प्रमुख हैं:
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मकर संक्रांति (14 जनवरी 2025): इस दिन को विशेष महत्व प्राप्त है, क्योंकि इस दिन पहले अमृत स्नान का आयोजन होता है।
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माघी पूर्णिमा (12 फरवरी 2025): यह दिन भी विशेष महत्व रखता है, जब लाखों श्रद्धालु संगम में स्नान करते हैं।
आकर्षण और गतिविधियाँ:
महाकुंभ मेला में विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियाँ आयोजित होती हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
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अखाड़ों की पेशवाई: अखाड़ों की भव्य शोभायात्रा, जिसमें साधु-संत हाथी, घोड़े और रथों पर सवार होकर संगम की ओर बढ़ते हैं।
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शाही स्नान: विशेष तिथियों पर साधु-संत और श्रद्धालु संगम में शाही स्नान करते हैं।
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धार्मिक प्रवचन और सत्संग: संगम क्षेत्र में विभिन्न संतों और गुरुओं द्वारा धार्मिक प्रवचन और सत्संग आयोजित होते हैं।
सुरक्षा और व्यवस्थाएँ:
महाकुंभ मेला में लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं, जिससे सुरक्षा और व्यवस्थाओं पर विशेष ध्यान दिया जाता है। प्रशासन द्वारा यातायात, स्वास्थ्य सेवाएँ, सफाई, और सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं।
आर्थिक प्रभाव:
महाकुंभ मेला न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह स्थानीय और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है। अनुमान के अनुसार, इस मेले से आर्थिक वृद्धि में $30-35 बिलियन का योगदान होता है।
महाकुंभ मेला 2025 एक ऐतिहासिक और धार्मिक अवसर है, जो विश्वभर के श्रद्धालुओं को एकत्रित करता है। यह आयोजन भारतीय संस्कृति और धार्मिकता का एक अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत करता है।
महाकुंभ मेला 2025: एक विशाल धार्मिक आयोजन
A video of our visit to Mahakumbh Mela on 11 feb of 2025 for you:
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